New Traffic Rule:— अगर आप ड्राइवर हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। हम अक्सर सांसद-विधायक या नेता-मंत्री की गाड़ी देखते ही सड़क छोड़ देते हैं। लेकिन कुछ गाड़ियों को लेकर मोटर व्हीकल एक्ट के नियम बनाए गए हैं. अगर आपने इन गाड़ियों को रास्ता नहीं दिया तो 10,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. आइए नीचे दी गई खबर में विस्तार से जानते हैं-
अब आप सोच रहे होंगे कि विधायक-सांसद या नेता-मंत्री की गाड़ियों को रास्ता देना जरूरी है तो हम आपको बता दें कि सरकार ने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है. जी हां, मोटर व्हीकल एक्ट में कुछ आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों को लेकर नियम बनाए गए हैं। इसके तहत अगर आप ऐसे वाहनों का रास्ता रोकते हैं, जिन्हें सरकार ने आपातकालीन मोटर वाहन के रूप में वर्गीकृत किया है, तो जुर्माना और सजा दी जा सकती है।
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क्या कहते हैं नियम
साल 2019 में सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में संशोधन किया और धारा 194ई जोड़ी. इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आपातकालीन वाहनों के मार्ग को रोकने या अवरुद्ध करने पर दोषी को 10,000 रुपये तक का जुर्माना या 6 महीने तक की जेल या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। इसके तहत एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को रखा गया है. इसलिए, यदि आप इन दोनों वाहनों का रास्ता रोकते हैं, तो आपको ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को खास अधिकार
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194ई के तहत फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस दोनों आपातकालीन वाहनों की श्रेणी में आते हैं। इन वाहनों के लिए सड़क पर चलते समय दूसरे वाहन चालकों को रास्ता देना जरूरी है. सड़क पर चल रहे अन्य वाहन चालकों के लिए जरूरी है कि जैसे ही उन्हें एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड की गाड़ी की आवाज सुनाई दे तो वे अपनी गाड़ी को साइड में कर लें और उसे रास्ता दे दें. यदि आप वाहन की आवाज को नजरअंदाज कर उसे रास्ता नहीं देंगे या ओवरटेक करने की कोशिश करेंगे तो आपको कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
नियम लागू करने पर सख्ती
हालांकि इन नियमों को लागू हुए कई साल हो गए हैं, लेकिन आज भी ज्यादातर शहरों में लोग इनका पालन नहीं करते हैं। ऐसे में बीते सोमवार को गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने सख्त एडवाइजरी जारी कर वाहन चालकों को चेतावनी दी है. पुलिस ने कहा है कि अगर कोई वाहन चालक नियम तोड़ता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी और 10,000 रुपये का चालान भेजा जाएगा. इससे पहले दिल्ली पुलिस भी इस नियम को सख्ती से लागू कर चुकी है. मध्य प्रदेश सरकार ने भी ऐसे नियमों को सख्ती से लागू कर दिया है.
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