500 रुपए का नोट होगा बंद:— हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने 500 रुपये के नोट को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है. जिसमें 500 रुपये के नोट के गायब होने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है. क्या 500 रुपये के नोट गायब होने की खबर में कोई सच्चाई है? इसके तहत प्रिंटिंग प्रेस से भेजे जाने और रिजर्व बैंक तक पहुंचने के बीच 500 रुपये के करीब 176 करोड़ नोट गायब होने की सूचना मिली थी.अब इस पर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है. बैंक ने 500 रुपये के नोट गायब होने की खबरों को गलत बताया है और कहा है कि सभी नोटों का पूरा हिसाब-किताब रखा जाता है. छपाई के बाद नोटों को रिजर्व बैंक तक भेजने और उनके मिलान की भी मजबूत व्यवस्था है। यह भी कहा गया है कि आरटीआई से मांगी गई जानकारी में कुछ प्रिंटिंग प्रेस ने सिर्फ नए नोटों के बारे में जानकारी दी है, जबकि कुछ ने पुराने नोटों के बारे में भी जानकारी भेजी है!
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क्या कहा है रिजर्व बैंक ने?
बैंक ने अपनी सफाई में कहा है- ‘भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को कुछ मीडिया में चल रही खबरों के बारे में पता चला है, जिसमें प्रिंटिंग प्रेस द्वारा छापे गए बैंक नोटों के गायब होने का आरोप लगाया गया है. आरबीआई का कहना है कि ये रिपोर्ट सही नहीं हैं. ये रिपोर्ट सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत प्रिंटिंग प्रेस से ली गई जानकारी को गलत तरीके से पेश कर रही हैं।
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि प्रिंटिंग प्रेस से आरबीआई को भेजे जाने वाले सभी बैंक नोटों का उचित हिसाब-किताब किया जाता है। यह भी बताया गया है कि प्रेस में मुद्रित और भारतीय रिजर्व बैंक को भेजे जाने वाले बैंक नोटों के मिलान के लिए मजबूत प्रणालियाँ मौजूद हैं। जिसमें बैंक नोटों की छपाई, उनके रखरखाव और उनके वितरण की निगरानी के लिए प्रोटोकॉल शामिल हैं। ऐसे में जनता से अनुरोध है कि वे ऐसे मामलों में समय-समय पर आरबीआई द्वारा प्रकाशित सूचनाओं पर ही भरोसा करें।
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि बैंक नोटों की छपाई को लेकर आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी अलग-अलग प्रेस से ली गई है. ऐसे में कुछ प्रिंटिंग प्रेस ने सिर्फ नई सीरीज के नोटों के बारे में जानकारी दी है, जबकि कुछ ने नई और पुरानी दोनों सीरीज के बारे में एक साथ जानकारी दी है. आरटीआई दाखिल करने वाले शख्स ने पूरे आंकड़ों को नई सीरीज के नोट माना है. इसके बाद प्रिंटिंग प्रेस से प्राप्त जानकारी का मिलान भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रकाशित आंकड़ों से किया गया, जो केवल नई श्रृंखला के नोट थे।
88 हजार करोड़ रुपये के नोट गायब होने की थी खबर
सामाजिक कार्यकर्ता मनरंजन रॉय को आरटीआई से पता चला था कि सभी प्रिंटिंग प्रेसों ने 500 रुपये के करीब 8810.65 मिलियन नोट छापे थे, लेकिन रिजर्व बैंक तक सिर्फ 7260 मिलियन नोट ही पहुंचे. 500 रुपये के करीब 155 करोड़ नोट रिजर्व बैंक तक नहीं पहुंचे. इस बीच अप्रैल 2015 से मार्च 2016 के बीच करेंसी नोट प्रेस, नासिक में 500 रुपये के 21 करोड़ नोट छापे गए, जो रिजर्व बैंक तक नहीं पहुंचे.
इसके बाद सवाल उठने लगे कि क्या 1760 मिलियन यानी करीब 176 करोड़ 500 रुपये के ये सभी नोट रास्ते में गायब हो गए. अगर इन नोटों की कीमत की गणना की जाए तो यह लगभग 88 हजार करोड़ रुपये होती है। नोटों के गायब होने की खबर सामने आने के बाद से लगातार सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. कई विपक्षी नेता भी मोदी सरकार पर सवाल उठाने लगे.
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