गुर्दे की पथरी को रोकने के लिए क्या खाएं?:—- गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) छोटे, कठोर खनिज और नमक के टुकड़े होते हैं जो गुर्दे में बनते हैं। ये पथरियाँ मूत्र मार्ग में जाकर दर्द और अन्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। आइए किडनी स्टोन के कारण, लक्षण, रोकथाम और उपचार के बारे में विस्तार से जानें:—-
गुर्दे की पथरी को रोकने के लिए क्या खाएं?/ कारण
1. कम पानी पीना:—- पर्याप्त पानी न पीने से मूत्र में खनिजों की सांद्रता बढ़ जाती है, जिससे पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
2. आहार:—- उच्च ऑक्सलेट, सोडियम, और प्रोटीन वाले आहार का अधिक सेवन।
3. पारिवारिक इतिहास:—- यदि परिवार में किसी को किडनी स्टोन हुआ हो, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है।
4. मोटापा:—– उच्च बॉडी मास इंडेक्स (BMI), कमर के चारों ओर चर्बी, और वजन बढ़ने से किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है।
5. कुछ बीमारियाँ और चिकित्सा स्थितियाँ:—– जैसे हायपरपैराथायराइडिज्म, मूत्र पथ संक्रमण (UTI), और अन्य मेटाबोलिक डिसऑर्डर्स।
गुर्दे की पथरी को रोकने के लिए क्या खाएं? / लक्षण
1. पीठ, पेट या पंखे में तेज दर्द:—– दर्द सामान्यतः अचानक शुरू होता है और उसकी तीव्रता समय-समय पर बदल सकती है।
2. मूत्र में रक्त:—– मूत्र का रंग गुलाबी, लाल या भूरा हो सकता है।
3. मूत्र करने में दर्द:—– पथरी मूत्र मार्ग में अटकने से मूत्र करते समय दर्द हो सकता है।
4. बार-बार मूत्र आने की इच्छा:—– यदि पथरी मूत्राशय में पहुँच जाए तो ऐसा महसूस हो सकता है।
5. मितली और उल्टी:—– पथरी के कारण होने वाले दर्द से मितली और उल्टी हो सकती है।
6. बुखार और ठंड लगना:—– यदि संक्रमण भी हो जाए।
गुर्दे की पथरी को रोकने के लिए क्या खाएं? / रोकथाम
1. पर्याप्त पानी पिएं:—- प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
2. संतुलित आहार लें:—– ऑक्सलेट और सोडियम का सेवन कम करें और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएँ।
3. संतरे और नींबू जैसे साइट्रस फलों का सेवन करें:—– इनमें साइट्रिक एसिड होता है, जो पथरी बनने से रोक सकता है।
4. नियमित व्यायाम करें:— इससे वजन नियंत्रित रहता है और पथरी बनने का खतरा कम होता है।
5. शक्कर और शक्करयुक्त पेय पदार्थों का सेवन कम करें।
गुर्दे की पथरी को रोकने के लिए क्या खाएं? / उपचार
1. दर्द निवारक दवाएँ:—- दर्द कम करने के लिए डॉक्टर इबुप्रोफेन, नेप्रोक्सेन या अन्य दवाएँ लिख सकते हैं।
2. मूत्र मार्ग फैलाने वाली दवाएँ:—- अल्फा ब्लॉकर्स जैसी दवाएँ पथरी को मूत्र मार्ग से बाहर निकलने में मदद करती हैं।
3. शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (SWL):—- उच्च-ऊर्जा शॉक वेव्स का उपयोग करके पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है।
4. युरेटेरोस्कोपी:—- एक पतली ट्यूब (युरेटेरोस्कोप) का उपयोग करके पथरी को निकालना।
5. पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (PCNL):—- एक छोटे चीरे के माध्यम से पथरी को निकालना।
गुर्दे की पथरी से बचने और उसके प्रभाव को कम करने के लिए उचित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। यदि आपको किसी भी प्रकार का संदेह हो या लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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